" पल की जिँदगी "
पल ही तो है मेरी जिँदगी ।
पल से ही शुरु जिँदगी ।
पल मेँ ही खत्म जिँदगी ।
पल ही मेरा आशियाना ।
पल ही मेरा हर तराना ।
पल मेँ ही याद आना ।
पल मेँ ही भूल जाना ।
पल ही तो है , मेरी जिँदगी ।
पल ही तो है , पागल बनाता ।
पल ही तो है , होश दिलाता ।
पल का एहसास होता है जिसको ,
करती है दुनिया सलाम उसको ।
पल का रखा है खयाल जिसने ,
पल मेँ दुनिया का खयाल जिसने ,
पल मेँ दुनिया को पाया उसने ।
पल ही तो है मेरी जिँदगी ।
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